किराएदारी के मामले में Supreme Court का बड़ा फ़ैसला, इस कारण से मकान मालिक खाली नहीं करा सकता घर
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किराएदारी के मामले में Supreme Court का बड़ा फ़ैसला, इस कारण से मकान मालिक खाली नहीं करा सकता घर

आए दिन किरायेदार और मालिक के बीच किराये को लेकर कहा सुनी हो जाती है और घर खाली करने के लिए बोल देते है. इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा सुनाया है कि मकान मालिक इस स्थिति में मकान मालिक घर खाली नहीं करवा सकता है तो आइअ जानते है सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बारें में...

 
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Govt News Alert : किराएदारी से जुड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किराएदार की मौत के बाद उसके परिवार को मकान में बने रहने का हक होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से उपकिराएदारी के आधार पर मकान खाली नहीं करवाया जा सकता है।  

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने एक किराएदार के परिवार को आधार मानकर यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट, 1972 की धारा 16 (1) बी के तहत मकान को खाली घोषित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि इस मामले में किराया नियंत्रक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट को अनुच्छेद 227 के तहत अपील नहीं सुननी चाहिए थी। 

इस अनुच्छेद के तहत हाईकोर्ट को अपीलीय कोर्ट का अधिकार प्राप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने देहरादून जिला जज के आदेश के खिलाफ अनुच्छेद 227 के तहत याचिका स्वीकार करके उस पर सुनवाई की थी जो कि गलत है।


 

मामला यह है कि मसूरी में मकान मालिक संजय कुमार सिंघल ने अपने किराएदार के बेटे मोहम्मद इनाम से अपनी संपत्ति खाली करवाने के लिए 1999 में निचली अदालत में मुकदमा दायर किया था कि उसके किराएदार से रशीद अहमद ने उसकी संपत्ति को सब लैटिन यानी उपकिराएदारी पर उठा दिया है। 


निचली अदालत के आदेश पर यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट 1972 के तहत रक्षक ने संपत्ति का औचक निरीक्षण किया तो उस संपत्ति में किराएदार को नहीं पाया। 


किराएदार रशीद अहमद की जगह मकान में कुछ लोग मिले तब रसीद अपने गांव गए हुए थे। किराया निरीक्षक ने धारा 16 (1) बी के तहत रिपोर्ट दी और संपत्ति को रिक्त घोषित कर दिया।